गर्म और उमस भरे देशों में कोरोना के फैलाव की रफ्तार धीमी: रिसर्च

गर्म और उमस भरे देशों में कोरोना के फैलाव की रफ्तार धीमी: रिसर्च

सेहतराग टीम

कोरोना के प्रकोप पर किए गए अध्ययन से यह बात सामने आई है कि गर्म और उमस भरे मौसम वाले क्षेत्रों में इसका फैलाव धीमी रफ़्तार से होता है। यही कारण है कि कई एशियाई देशों जहां मानसून जैसे हालात हैं इसका विस्तार कम देखने को मिला है। मैसाचुट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के कासिम बुखारी समेत अन्य वैज्ञानिकों ने कोविड-19 की चपेट में आए इलाकों की परिस्थितियां पर अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है। अध्ययन इन इलाकों के तापमान और आद्रता को बनाकर किया गया था।

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अध्ययन के इन निष्कर्षों को ख्यातिलब्ध जर्नल एसएसआरएन में शामिल किया गया है। इसके निष्कर्षों में पाया गया कि नोवेल कोरोना वायरस और सार्स-कोवि-2 के विस्तार वाले 90% मामले तीन से 17 डिग्री तापमान वाले क्षेत्रों में पाए गए इन इलाकों में नमि का स्तर 4 से 9 ग्राम प्रति घन मीटर पाया गया। इसे सरल शब्दों में ऐसे समझा जा सकता है प्रति घन मीटर वायुमंडल में 4 से 9 ग्राम ही जल वाष्प हो। एमआइटी के वैज्ञानिकों के अनुसार जिन देशों में जनवरी से मार्च के बीच तापमान 19 डिग्री सेल्सियस से अधिक और नमी 9 ग्राम प्रति घनमीटर रही वहां मात्र छह प्रतिशत मामले देखे गए।

वैज्ञानिक ने पाया कि इस अवधि में जिन एशियाई देशों में मानसून सक्रीय रहा वहां कोरोना के विस्तार की रफ़्तार धीमी रही क्योंकि वहां नमी का स्तर 10 ग्राम प्रति घन मीटर से अधिक रहा।

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अमेरिका में उत्तर दक्षिण इलाके में भी इसके विस्तार की रफ्तार अलग-अलग देखी गयी है। उत्तरी भाग जो इस अवधि में ठंडा रहा वहां कोरोना के मामले ज्यादा सामने आए जबकि दक्षिण जो इस अवधि में अपेक्षाकृत गर्म रहता है वहां हालात भिन्न रहे। दक्षिण के टेक्सास, न्यू मैक्सिको व एरिजोना राज्यों में कोरोना के कम मामले सामने आए। कैलिफोर्निया राज्य में जहां उत्तर व दक्षिण क्षेत्र की जलवायु में बड़ा फर्क रहता वहां भी यह चीज देखने को मिली। भाग में इस बीमारी का असर कम पाया गया।

 

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